Dreams-The Lifeline

सपने-ज़मीन ज़िंदगी की   

आरज़ूओं की लहरें पलट रही है करवटें 
अंगड़ाइयाँ ले रहे हैं आज कुछ नए सपने, 

सुना है सपनों  की कोई उम्र नहीं होती 
सपनें तो ज़िंदगी की ज़मीन होते हैं, 

दिल चाहता है पंख लगा कर उड़ जाए 
आरज़ूओं के सतरंगे आसमां में,

अंधियारी रात के बाद ओस भरी ये सुबह कुछ ख़ास  
भर जाए कुम्हलाये सपनों में एक ताज़ी उजास। 


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