लगता है आजकल सभी राजनीतिक पार्टियों की ग्रह दशा कुछ ठीक नहीं चल रही है। All of them seem to be moving on a self-destruct mode.....
एक उत्तर प्रदेश बी जे पी के (अब निवर्तमान) उपाध्यक्ष दयाशंकर हैं जो पद सँभालने के नए-नए जोश में बी एस पी वाली बहनजी को अपशब्द कह जाते हैं, होहल्ला मचता है और दयाशंकर जी के ऊपर उनकी पार्टी की दया हो जाती है, यानि न सिर्फ़ उनको पद और पार्टी दोनों से निकाल दिया जाता है बल्कि उनके खिलाफ़ एफ़ आई आर भी हो जाती है. अगले ही दिन बहनजी/माया की देवी मायावती जी के भक्त उनके सम्मान की रक्षा के लिए धरना-प्रदर्शन करते-करते दयाशंकर जी के परिवार की महिलाओं के लिए ही अभद्र भाषा में नारे लगा देते हैं. बहनजी, बजाय अपने भक्तों की मज़म्मत करने के, उनकी हरकतों को ये कहकर जस्टिफाई करती सुनाई देती हैं कि ये सब तो दयाशंकर को समझाने के लिए बोला गया है ताकि वो या कोई और नेता भविष्य में ऐसी हिमाक़त ना करे, ख़ास तौर पे देवी मायावती जी के ख़िलाफ़। अब दयाशंकर की पत्नी ने उल्टा मायावती जी और उनके तथाकथित समर्थकों के खिलाफ ही ऍफ़ आई आर की धमकी दे दी है.
तो माना जा सकता है कि बी जे पी नेता की बेवकूफ़ी से अगर बी जे पी की चुनावी महत्वकांक्षाओं पे तुषारापात हो गया था तो बी एस पी के नेताओं ने अपनी मूर्खता से अपने ही पैरों पे कुल्हाड़ी मार ली है!
खैर.........उसी वक़्त जब संसद में जबरदस्त घमासान चल रहा था, हर तरफ से आरोप-प्रत्यारोप के तीर चल रहे थे, प्रधानमंत्री पद के अगले उम्मीदवार, हर छह महीने में छुट्टी पे जाने वाले कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी जी ना जाने कितनी दूर के सुहाने सपनो की दुनिया में मटरगश्ती करते नज़र आये. पर इनकी वफ़ादारी की मिसाल तो देखिये......महिला सम्मान की रक्षा के लिए लड़ते-लड़ते कांग्रेसी नेता अपने राजकुमार के सम्मान की रक्षा करना ना भूले . किसी ने कहा कि वो तो मोबाइल में कुछ देख रहे थे तो किसी और ने कहा, ''नहीं जी, इतने शोर में कोई सो सकता है क्या? वो तो अपनी आँखों को आराम दे रहे थे, दरअसल इतनी धूप में आँखे ड्राई हो जाती हैं तो हम जब अंदर एसी हॉल में आते हैं तो अपनी आँखें बंद कर लेते हैं ताकि आँखों की नमी लौट आये! ''
वाह वाह......... इतना प्यार देख के वाक़ई हमारी भी आँखें नम हो गयी हैं!
चलिए आगे बढ़ते हैं........ एक हैं आम आदमी भगवंत मान जी जिन्होंने अपने वोटरों से किये चुनावी वादों की चिंता में अपने राजनीतिक करियर की ही चिता चुन ली लगती है! मान जी ने एक विडियो बनाया निहायत मनमाने तरीके से, वो भी संसद के अंदर जाने के रस्ते का और ऐसा करते हुए उन्होंने उन सब सुरक्षा इंतज़ामों को भी शूट कर डाला जिसको दिखाने पे बैन है. लो झेलो अपने खिलाफ़ विशेषाधिकार हनन का केस.... और ज्यादा किस्मत की मार पड़ी तो एक एफ़ आई आर भी!
अब इसे ही तो कहते हैं आ बैल मुझे मार......come, 'shoot' me!
कहाँ हो साहिब-ए-आलम कबाली......अब इन बदक़िस्मत महानुभावों को आप ही बचा सकते हो ख़ाली!

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