KAJRARE BAADAL (DARK CLOUDS)
कजरारे बादल
फिर घिर आए है कुछ कजरारे बादल
कुछ अलसाये कुछ शरमाये बादल।
प्रियतमा धरती से मधुर मिलन की
आस लिए मुस्काते-मदमाते बादल।
प्यासी धरती की आस जगाते
सौम्य सलोने प्यारे बादल।
नटखट बच्चों का ध्यान बटांते
ललचाते हर्षाते बादल।
चंचला-दामिनी को संग लिए
गर्जन शोर मचाते बादल।
शीतल बयार का साथ लिए
गीली मिट्टी की सोंधी खुशबू उड़ाते बादल।
अरुणिमा को शेष बनाते
भूरे-नीले-काले बादल।
किसान की आशा तो कुम्हार की निराशा,
पल-पल रंग बदलते बादल !
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